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शराबी प्रिंसिपल पर नहीं हुई कार्रवाई तो लोगों ने नहीं फहराने दिया स्कूल में झंडा


काकौत के ग्रामीण मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सरकारी स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने स्कूल टीचर को न तो स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम आयोजित करने दिया और न ही झंडा फहराने दिया। उनकी मांग थी कि बीते शुक्रवार को शराब पीते पकड़े गए प्रिंसिपल पर कार्रवाई होनी चाहिए, उसके नेतृत्व में झंडा नहीं फहराया जाएगा। इसके बाद डीईओ ने एक अन्य शिक्षक को कार्यकारी इंचार्ज बनाया लेकिन ग्रामीण फिर भी नहीं माने और झंडा नहीं फहराने दिया। आगे पढ़िए क्या था पूरा मामला...

- गौरतलब है की बीते काकौत गांव के ग्रामीणों ने स्कूल प्रिंसिपल को स्कूल के कार्यालय में शुक्रवार देर रात्रि शराब पीते हुए पकड़ा। ग्रामीणों की मांग पर पुलिस ने उसको पकड़ कर उसका मेडिकल करवाया तो शराब पीने की पुष्टि हो गई है।

- ग्रामीण हरदीप एडवोकेट, पंच अशोक, विकास, धीर, बबलू, सुनील ने बताया कि स्कूल में प्रिंसिपल चौकीदार का भाई कार्यालय में शराब पी रहे हैं।

- इस घटना के विरोध में ग्रामीण जिला उपायुक्त से मिले। जिला उपायुक्त ने डीईओ से जांच के आदेश दिए।


 मंगलवार को सुबह से ही छात्र और उनके अभिभावक व अन्य ग्रामीण स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए।
- टीचरों ने स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम की तैयारी की तो रुकवा दी गई। ग्रामीणों की मांग थी कि आरोपी प्रिंसिपल के नेतृत्व में झंडा नहीं फहराया जाएगा।

- मामले की सूचना डीईओ रमेश कुमार सिरोह तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल फोन पर कार्यकारी इंचार्ज टीचर रमेश कुमार को बना दिया।
- रमेश कुमार ने ग्रामीणों को समझाया तो वे धरने से तो उठ गए लेकिन झंडा नहीं फहराने दिया।

- इस मामले पर बोलते हुए डीईओ रमेश कुमार ने बताया कि मामले की रिपोर्ट बनाकर शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी। इसके बाद जो विभागीय कार्रवाई बनती है की जाएगी। फिलहाल कार्यकारी इंचार्ज बना दिया गया है।