कुत्तों ने बच्चे को नोच खाया, चीख सुन पहुंचे लोग तो निकल चुकी थी जान
बिहार मूल का आशीष तीसरी क्लास में पढ़ता था। परिवार गांव टिटोखेड़ी में दलेल डेरे पर काम करता है।
जींद जिले के कस्बा सफीदों से सटे गांव टिटो खेड़ी में शनिवार देर शाम सुबह 7 साल के एक बच्चे को 6-7 आवारा कुत्तों ने नोच खाया। जब तक बच्चे की चीख-पुकार सुनकर घरवाले और आसपास के ग्रामीण पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। महज ढाई एकड़ दूर काम कर रहे लोग भी नहीं बचा सके मासूम की जान...
- बच्चे की पहचान सफीदों के वार्ड-10 में रहने वाले आशीष के रूप में हुई है। वह तीसरी क्लास में पढ़ता था, जबकि उसका पूरा परिवार गांव टिटोखेड़ी में दलेल डेरे पर काम करता है।
- पिता सरजुग उर्फ राजेंद्र ने बताया कि उसका बेटा आशीष शनिवार शाम पास से ही दूध लेने के लिए गया था। लौटते वक्त डेरे के 5-6 कुत्तों ने उसे घेर लिया और देखते ही देखते कुत्ते उसे नोचने लगे।
- वो करीब ढाई एकड़ दूरी पर काम कर रहे थे। बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसकी ओर भागे। जब तक वे लोग बच्चे तक पहुंचे तो कुत्तों ने आशीष के पांव, हाथ व गर्दन सहित अन्य जगहों से खा लिया था। आशीष की मौत हो गई थी।
सारी रात डेड बॉडी के साथ बैठे रहे
- उन्होंने बताया कि ये लोग सारी रात अपने बच्चे के शव के साथ घर पर बैठे रहे। सुबह किसी के कहने पर बच्चे के शव को नागरिक अस्पताल में लाए।
- सरजुग ने बताया कि वे लोग करीब 15 वर्ष पहले बिहार से सफीदों आए थे। वे लोग खेतों व पोल्ट्री फार्मों पर मजदूरी करते हैं। उसके पांच बच्चे थे। दो लड़के और तीन लड़कियां थी। सबसे छोटो बेटा आशीष था।
इस तरह आदमखोर बने कुत्ते
- पीड़ित परिवार के साथ आए राममेहर व अन्य लोगों ने बताया कि गांव टिटोखेड़ी में डेरा दलेल के आसपास के अनेक कुत्ते पोल्ट्री से खराब अंडे व मृत मुर्गों को खाकर अब आदमखोर हो चुके हैं। जब भी मौका मिलता है कुत्तों ने गाय, भैंस व अन्य जानवरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। डेरों में कई जानवर भी जख्मी हो चुके हैं।
- उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि वे जल्द से जल्द ऐसे कुत्तों को पकड़वाने का काम करे, ताकि अन्य किसी घटना से बचा जा सके।


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