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क्रिमिनल की डेड बॉडी लेने नहीं आया कोई, तो उसकी चमड़ी से बना दिए जूते


अमेरिका में एक खूंखार अपराधी की खाल से जूते बनवा लिए गए थे। वह अपराधी अपनी ताेते जैसी नाक के लिए जाना जाता था।

पुराने जमाने में राजा-महाराजाओं द्वारा अपराधी की खाल खिंचवाकर भूसा भरवा दिया जाता था। इसके अनेक किस्से हैं। लेकिन अपनी तरह के अनोखे मामले में, अमेरिका में एक खूंखार अपराधी की खाल से जूते बनवा लिए गए थे। वह अपराधी अपनी ताेते जैसी नाक के लिए जाना जाता था। ये जूते और उसकी खाेपड़ी म्यूजियम में रखे गए हैं। ऐसा था जॉर्ज पैरट...

-अमेरिका में 19वीं सदी के अंतिम दशकों में जॉर्ज पैरट नामक डकैत का बहुत खौफ था। ताेते जैसी नाक के कारण उसे यह नाम मिला था। उसे बिग नोज जॉर्ज भी कहा जाता था।
-जॉर्ज लुटेरा और डकैत था। उन दिनों सारा कारोबार कैश में होता था। अक्सर घोड़ागाड़ियों में कैश भी होता था। जॉर्ज और उसके साथ रास्ते में इन्हें लूट लेते थे।

-1878 में उन्होंने बड़ा हाथ मारने के बारे में सोचा और यूनियन पैसिफिक ट्रेन को लूटने की योजना बनाई। ट्रेन में एम्प्लॉई का वेतन ले जाया जा रहा था।
-जॉर्ज ने अपने साथियों के साथ व्योमिंग क्षेत्र में नदी के पास रेल की पटरियों के पेंच खोल दिए और ट्रेन का इंतजार करने लगे। उनका ख्याल था कि ट्रेन के पटरियों से उतरते ही वे माल लूटकर फरार हो जाएंगे।
-लेकिन एक कर्मचारी की सतर्कता से उनकी योजना पर पानी फिर गया। उसने जब पटरियां खुली देखी, तो न सिर्फ ट्रेन चालक को पहले ही सावधान कर दिया, बल्कि पुलिस को भी बुला लिया।
-जॉर्ज और उसके साथी एल्क पहाड़ की तलहटी में रैटलस्नेक कैनियन में जाकर छुप गए। दो पुलिस अफसर उन्हें पकड़ने गए, तो उन लोगों ने दोनों को गोली मार दी।
-यूनियन पैसिफिक रेलरोड ने जॉर्ज पैरट पर 10 हजार डॉलर का इनाम रखा, जो उस जमाने में बहुत बड़ी रकम थी। बाद में इनाम बढ़ाकर 20 हजार डॉलर कर दिया गया।

-जॉज और उसके साथ दो साल तक पकड़ में नहीं आए। फिर एक दिन वह मिनोटा की माइल्स सिटी स्थित एक बार में शराब पी रहा था। वहां वह अपने अपराधों के बारे में बढ़-चढ़कर बातें भी कर रहा था। लोगों ने पुलिस को खबर कर दी और उसे पकड़ लिया गया।

-बिग नोज जॉर्ज पर मुकदमा चला और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। उसे जेल में डाल दिया गया। लेकिन फांसी होने के 10 दिन पहले, 22 मार्च 1881 को उसने जेल से भागने की कोशिश की।
-जॉर्ज ने जेलर को घायल कर दिया। लेकिन घायल होने के बावजूद जेलर ने अपनी वाइफ को पुकारा। तब उसकी वाइफ वहां उसकी सर्विस रिवॉल्वर लेकर पहुंची और उसके बल पर उसने जॉर्ज को वापस कालकोठरी में बंद कर दिया।
-जब पब्लिक को यह खबर लगी, तो काफी लोग जेल पहुंच गए। उन्होंने जॉर्ज को बाहर निकाला और मार डाला।

-जॉर्ज की डेड बॉडी लेने उसका कोई रिश्तेदार नहीं आया, तो डॉक्टर थॉमस मैघी और जॉन इयुजीन ओसबोर्न ने उसकी डेड बॉडी ले ली। उन्होंने जॉर्ज का दिमाग खोलकर देखा कि उसकी संरचना अलग तो नहीं है, जिसके कारण जॉर्ज इतना खूंखार अपराधी बना। लेकिन उन्हें कोई अलग बात नजर नहीं आई।
-फिर ओसबोर्न ने जॉर्ज के शरीर से जांघ और छाती के हिस्से की चमड़ी निकाली और उसे डेनवर स्थित टैनरी (चमड़ा शोधन कारखाना) भेज दिया। उन्होंने उसके जूते बनाने के लिए कहा। खाल से एक मेडिसिन बैग भी बनाया गया था।
-ओसबोर्न वे जूते पहनते भी थे। वे बाद में व्योमिंग के गवर्नर बने। कहा जाता है कि अपने शपथ ग्रहण के दिन उन्होंने पैरट जॉर्ज की स्किन से बने जूते पहने थे।

उन्होंने जॉर्ज की खोपड़ी का ऊपरी हिस्सा निकालकर अपनी 15 साल की असिस्टेंट लिलियन हीथ को दे दिया। लिलियन बाद में व्योमिंग राज्य की पहली फीमेल डॉक्टर बनी। वे खोपड़ी के उस कटोरे जैसे हिस्से का इस्तेमाल एश ट्रे की तरह करती थीं।
-ओसबोर्न ने जॉर्ज के शरीर को एक व्हिस्की बैरल में रखकर उसे नमक के घोल से भर दिया। फिर वे एक साल तक उसके साथ कई तरह के प्रयोग करते थे। आखिरकार उस बैरल को डॉ. मैघी के ऑफिस के पिछवाड़े में गाड़ दिया गया।

-जॉर्ज का नाम लोग भूल से गए। फिर 1950 के मई महीने में एक दिन कंस्ट्रक्शन के लिए खुदाई करते वक्त व्हिस्की का बैरल निकल आया। इसके साथ ही एक बार फिर जॉर्ज की चर्चा होने लगी। अधिकारी यह तो जानते थे कि बैरल में जॉर्ज का कंकाल है, लेकिन कन्फर्म करने के लिए उन्होंने डॉ. लिलियन के पास से खोपड़ी का ऊपर हिस्सा मंगाया। डॉ. लिलियन उस समय उम्र के आठवें दशक में थीं। वह हिस्सा जॉर्ज की खोपड़ी के दूसरे हिस्से में फिट हो गया।

-फिलहाल, जॉर्ज पैरट की खाल से बने जूते और उसकी खोपड़ी का निचला हिस्सा व्योमिंग के कार्बन काउंटिंग म्यूजियम में रखे गए हैं, जबकि खोपड़ी का निचला हिस्सा म्यूजियम ऑफ ओमाहा, नेब्रास्का में है। उसकी खाल से बने मेडिसिन बैग का कोई पता नहीं है।