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जेल से हंसते हुए बाहर निकली मर्डर की दोषी सबा, जाहिदा अभी सलाखों के पीछे


शेहला मसूद हत्याकांड में दोषी सबा फारुखी शुक्रवार शाम सवा सात बजे उज्जैन की भेरूगढ़ जेल से जमानत पर रिहा हो गई। वह हंसते हुए जेल से बाहर आई और परिजन से गले मिली। जाहिदा परवेज अभी बड़वानी जेल में ही है। उसके पिता जबलपुर से इंदौर आने वाले थे, लेकिन सीबीआई कोर्ट में शुक्रवार शाम तक कोई नहीं पहुंचा। अब सोमवार को प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।

इसी साल 28 जनवरी को सीबीआई कोर्ट इंदौर ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभी जाहिदा बड़वानी जेल में तो सबा उज्जैन की भेरूगढ़ जेल में है। जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की बेंच के समक्ष दोनों ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इस अपील में पहले जमानत के लिए अर्जी लगाई गई थी। जाहिदा की पैरवी अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह तो सबा की तरफ से अधिवक्ता विनय विजयवर्गीय, अजय गुप्ता, सुनील श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।

जाहिदा-शाकिब में बात हुई, लेकिन हत्या की साजिश के सबूत नहीं मिले
सीबीआई ने जाहिदा को मुख्य षड्यंत्रकारी माना था। शाकिब को हत्या की सुपारी देने, फोन पर बात करने के प्रमाण सौंपे थे। जाहिदा की तरफ से जमानत के लिए कहा गया कि शाकिब से बातचीत हुई, लेकिन कहीं यह साबित नहीं हो रहा कि हत्या की साजिश रची थी।
टोटल रिकॉल
-16 अगस्त 2011 को शेहला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव भोपाल के कोहेफिजा स्थित घर के बाहर कार में पड़ा मिला था।
-सीबीआई ने 28 फरवरी 2012 को जाहिदा और 2 मार्च को सबा को गिरफ्तार किया गया था।
- जाहिदा, सबा के साथ शाकिब डेंजर, ताबिश और इरफान को आरोपी बनाया था। बाद में इरफान सरकारी गवाह बन गया।
-25 मई 2012 को सीबीआई ने 4400 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
-21 जुलाई 2012 को सीबीआई कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय किए गए।
-137 सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 83 गवाह पेश किए। तत्कालीन विधायक ध्रुवनारायण सिंह का नाम भी इस केस में सामने आया था।
-28 जनवरी 2017 को सीबीआई कोर्ट इंदौर ने जाहिदा, सबा, शूटर शाकिब डेंजर और ताबिश को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सरकारी गवाह बने इरफान को बरी कर दिया गया था।