दुनिया की एक बहुत बड़ी समस्या को खत्म कर सकता है यह छोटा-सा कीड़ा
हर साल दुनिया में 30 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसका निपटारा बहुत बड़ी समस्या है, क्योंकि इसे यूं ही फेंक दें, तो जमीन और पानी प्रदूषित होता है और जला दें, तो हवा, जमीन, पानी तीनों ही खराब होते हैं। साइंटिस्ट लंबे समय से ऐसे उपाय की तलाश में थे कि प्लास्टिक को बगैर नुकसान के निपटाया जा सके। लगता है कि उन्हें इसका एक हल मिल गया है। यूरोपीय साइंटिस्ट्स की एक टीम ने एक ऐसे कीड़े की खोज की है, जो प्लास्टिक को खाकर खत्म कर सकता है।
इस बारे में शुरुआती जानकारी दो साल पहले मिली थी। यूनिवर्सिटी ऑफ कांताब्रिया की डेवलपमेंट बायोलाॅजिस्ट फेडेरिका बेर्टोच्चिनी अपने घर के पिछवाड़े में मधुमक्खियों के पुराने छत्ते की सफाई कर रही थीं।
-इस दौरान उन्होंने इस छत्तों में रहने वाले कुछ वैक्स वर्म को निकालकर एक पॉलीथिन बैग में भरकर रखा था। उन्होंने गौर किया कि बैग में छोटे-छोटे छेद हो गए थे। फेडेरिका ने अनुमान लगाया कि उन इल्लियों ने पॉलीथिन को खाया होगा।
-इस कीड़े का नाम गैलेरिया मेलोनेला है। यह मधुमक्खियों के छत्ते में इसलिए रहता है, क्योंकि यह उन छत्तों में पाए जाने वाले माेम को खाकर जीवित रहता है।
-फेडेरिका ने साथी वैज्ञानिकों के साथ इस डिस्कवरी को आगे बढ़ाया। उन्होंने देखा कि कीड़ा किस गति से प्लास्टिक खा सकता है।
-उन्होंने अपने प्रयोगों में पाया कि 100 वैक्स वर्म एक महीने में 5.5 ग्राम के प्लास्टिक बैग को खाकर खत्म कर सकते हैं।
-उनकी इस खोज के बारे में विस्तार से जानकारी जर्नल ऑफ करेंट बायोलॉजी के अप्रैल 2017 के इश्यु में पब्लिश हुई है।

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