आनंदपाल को पकड़ने सस्पेंड सिपाही को किया बहाल, तो कोई पहुंचा लंदन से
जिस समय आनंदपाल नहीं पकड़ा गया था और सरकार की किरकिरी होने लगी थी, तब एसओजी में आईजी दिनेश एमएन को उसे पकड़ने का जिम्मा दिया गया। उन्होंने सबसे पहले उन काबिल अफसरों की स्पेशल टीम बनाई जिनको नॉन फिल्ड में लगा रखा था। एक सस्पेंड सिपाही दुर्गा दत्त को बहाल करवा कर मुखबिरी का जिम्मा सौंपा। 13 जून को सिपाही दुर्गादत्त ने सीधे आईजी को पहला क्लू दिया। इसी क्लू को टीम ने डवलप किया तो पूरी कड़ी जुड़ती गई और 24 जून को दिनेश एमएन के खाते में आनंदपाल के रूप में 9वां एनकाउंटर जुड़ गया। आईजी ने जिन अफसरों को टीम में लिया, उनमें से कोई विभागीय जांच में था, तो कोई सस्पेंड या एपीओ चल रहा था। जानिए, सूचनाएं लीक न हों और आनंदपाल को घेरा जा सके, इसके लिए कैसे खड़ी की गई टीम...
एसओजी से पहले विभागीय जांच में थे एएसपी करण
आनंदपाल की सूचना के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचे। एसओजी में आने से पहले वे पुलिस मुख्यालय में अफसरों की विभागीय जांच में लगे हुए थे। दिनेश एमएन उन्हें एसओजी में लाए। आनंदपाल के बारे में हर क्लू को डवलप किया। एनकाउंटर से 6 घंटे पहले लंदन से आए थे। आते ही आनंदपाल को पकड़ने निकल पड़े।
पहले जयपुर कमिश्नरेट में मुख्यालय का जिम्मा था
एएसपी संजीव भटनागर जयपुर कमिश्नरेट में एडिशनल डीसीपी हैडक्वार्टर लगे हुए थे। प्रशासनिक काम था। एसओजी में आते ही आईजी ने हरियाणा के ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी। दो माह तक हरियाणा में रहे। आनंदपाल के दोनों भाइयों को पकड़ा और पता लगाया कि आनंदपाल कहां छिपा है।
10 माह से सस्पेंड थे, एसओजी में आनंदपाल के लिए आए
इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता कमिश्नरेट में रहते हुए सस्पेंड हो गए थे। एसओजी का जिम्मा मिलते ही आईजी दिनेश एमएन ने अपनी टीम में लिया और आनंदपाल की गैंग्स की निगरानी में लगाया। कुछ माह में ही बेहतर रिजल्ट दिया। 24 जून को मालासर पहुंचे। जिस मकान में आनंदपाल था उसके पीछे की ओर का मोर्चा संभाला।
पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में जवानों को पढ़ा रहे थे सूर्यवीर सिंह
इंस्पेक्टर सूर्यवीर किशनगढ़ पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में जवानों को पढ़ाने का काम कर रहे थे। एसओजी में आने से पहले दिनेश एमएन ने पूछा- आनंदपाल को पकड़ पाओगे? जवाब हां में मिला तो एसओजी में ट्रांसफर। आनंदपाल के दोनों भाइयों को पकड़ा। एनकाउंटर के दौरान फायरिंग लाइन में रहे। हाथ में फ्रेक्चर हो गया।
वसूली के मामले में सस्पेंड सिपाही को इसी शर्त पर बहाल किया कि आनंदपाल की सूचना देगा...किया भी एेसा ही
जिप्सम से भरे ट्रक से वसूली के आरोप में बीकानेर एसपी ने सिपाही दुर्गादत्त स्वामी को सस्पेंड कर दिया था। दिनेश एमएन ऐसे पुलिसकर्मी की तलाश में थे जो उस इलाके को अच्छी तरह जानता हो। दिनेश एमएन ने उसे इसी शर्त पर बहाल कराया कि वह आनंदपाल की सूचना देगा। उसी की सूचना पर एसओजी आनंदपाल को घेर पाई।
आनंदपाल की पत्नी को नाेटिस-शव ले जाइए, नहीं तो पुलिस अंतिम संस्कार करेगी
आनंदपाल की एनकाउंटर में मौत के चौथे दिन भी मंगलवार को परिजनों ने शव नहीं लिया। डीएसपी नारायणदान ने आनंदपाल की पत्नी राज कंवर को नोटिस जारी कर आनंदपाल का शव लेने के निर्देश दिए हैं। नोटिस में लिखा है कि आनंदपाल का शव तीन दिन से डी फ्रीज में रखा हुआ है। शव लगातार का क्षरण हो रहा है। यह शव का अपमान है। डीएसपी ने नोटिस में उल्लेख किया है कि 24 घंटे में शव नहीं लिया गया तो पुलिस अंतिम संस्कार कर देगी। उधर, चूरू जिले के रतनगढ़ के अस्पताल में रखे शव की सुरक्षा और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रतनगढ़ एसडीएम ने मंगलवार देर शाम को रतनगढ़ में धारा 144 लगा दी।


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