छत से चूजों ने लगाई छलांग, पीछे-पीछे मां भी कूदी, रेस्क्यू ऑपरेशन चला
नगर में रविवार को ऐसी घटना हुई जिसकी सभी जगह चर्चाएं हो गई। नगर के पुराने हिस्से में बने एक तीन मंजिला घर की छत पर मोरनी ने अंडे दिए। अंडों से निकले चूजे इतने चंचल कि पहले दिन ही गमले में बने घोंसले से नीचे छलांग मार दी। बैचेन मोरनी जोरों से आवाज करते हुए उनके पीछे नीचे गली में जा पहुंची।
बड़ी मुश्किल से सभी चूजों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया क्योंकि नीचे गली में आवारा कुत्तों से उनकी जान को खतरा था। मोरनी शोर मचाकर अपनी पीढ़ा बयां कर रही थी और मदद की गुहार लगा रही थी। इस पर वन कर्मियों ने सभी चूजों को पकड़कर वन क्षेत्र में छोड़ दिया।
मिली जानकारी के मुतााबिक वाकया शेखर चौरसिया के मकान पर हुआ। चौरसिया के मकान की छत पर एक छोटा बगीचा बना है। सुरक्षित और हरा-भरा इलाका देख अक्सर मोरनी यहां अंडे दे देती है।
हाल ही में मोरनी ने गमले में बनाए घोंसले में छह अंडे दिए थे। रविवार को इन अंडों से चूजे निकले और थोड़ी देर बाद एक के बाद एक सारे के सारे चूजों ने छत से नीचे छलांग लगा दी।
घबराई मोरनी ने भी जोरों से आवाज निकालते हुए उनके पीछे छलांग लगा दी। हालांकि चूजे सुरक्षित जमीन पर गिरे लेकिन गली में आवारा कुत्तों ने उन्हें घेर लिया।
चूजे इधर-उधर भाग रहे थे और बैचेन मोरनी उन्हें घेरकर बार-बार गली के कोने में ले जा रही थी। इस बीच घर मालिक शेखर चौरसिया ने वन विभाग को फोन लगाया। थोड़ी देर में वन विभाग की टीम पहुंची और सभी ने मिलकर छह चूजों को सुरक्षित पकड़ा।
वनकर्मियों ने चूजों और मोरनी को बैतोली स्थित वन डिपो के हरे-भरे परिसर में सुरक्षित छोड़ा। वनकर्मी विक्रांत त्रिवेदी का कहना है कि फिलहाल वन विभाग की टीम इन सभी चूजों और मोरनी पर नजर रखे हुए है। जब इन्हें खुले में छोड़ा गया तो परिसर में मौजूद सैकड़ों मोरों ने इन्हें अपना लिया और वे उनके साथ घुलमिल गए हैं।


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