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जेल से निकलते ही लेडी किलर ने पूछा मीडिया मेरा 5 दिन से इंतजार कर रही थी


बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड की मुख्य आरोपी जाहिदा परवेज बेल के छह दिन बाद बुधवार शाम जेल जेल से बाहर आई। मुस्कुराते हुए जेल से बाहर निकली जाहिदा को लेने उसके पिता आए थे। जाहिदा अपने पिता के गले लगी और पूछा कैसे हो आप। पिता ने भी बेटी से हालचाल पूछा। इसके बाद जाहिदा ने मीडिया से हंसते हुए कहा कि आप मेरा पांच दिन से इंतजार कर रहे थे ना

रिहाई के बाद वह हंसते हुए जेल से बाहर आई जाहिदा ने कहा कि एटलॉस्ट फाइनली आज यह दिन आ गया। फाइनली आज मेरी इस जेल से रिहाई हो गई। यह जेल मेरे लिए लॅकी रही। न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसा है। आखिरकार मुझे न्याय मिल ही गया। आगे मैं आना रुटीन देखूंगी, जो मैं पहले करती थी वही करूंगी। अभी मैं अपने गृह नगर जबलपुर जाऊंगी।
- जाहिदा ने कहा कि मेरे फादर तजामुल हुसैन और मेरे कई रिलेटिव आए हैं। जमानत को इतना समय लगने के सवाल पर कहा कि जमानतदार की कुछ परेशानी होने से रिहाई में पांच दिन लग गए। मुझे ज्यादा आइडिया नहीं है। घरवालों से बात करुंगी तो पता चलेगा।
- जाहिदा से जब पूछा गया कि क्या आपको पता था कि आपकी जमानत हो रही है तो वह हंसते हुए बोली पूरे हिंदुस्तान को पता था कि मेरी रिहाई हो रही है तो फिर मुझे कैसे पता नहीं चलता। जाहिदा ने ये भी कहा कि आप लोग मेरी रिहाई का पांच दिन से इंतजार कर रहे थे मुझे पता चला।
- जाहिदा से जब इस पूरे प्रकरण को लेकर आगे की रणनीति के बारे में पूछा गया तो वे बोलीं की जो हाईकोर्ट में चल रहा है उसे ही आगे बढ़ाएंगी। इसके बाद उन्होंने कहा कि पांच साल से जेल में हूं अब मुझे घर जाने दो और वे परिवार के साथ जबलपुर रवाना हो गईं।
भास्कर से बातचीत में कहा
- उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसका ध्रुव नारायण के साथ अफेयर था। जेल से छूटने के बाद उसने कनाडा शिफ्ट होने की बात कही।

पांच साल जेल में रहीं, आगे क्या करेंगी?
भोपाल जाकर अपना ऑफिस देखूंगी। इसे खाली करना है या नहीं। इसके बाद कोर्ट का मामला पूरा कर पति और दोनों बेटियों के साथ कनाडा शिफ्ट हो जाऊंगी। वहां की नागरिकता ले लूंगी।

किसे जिम्मेदार मानती हैं अपनी इस हालत के लिए?
खुद को। ब्रेकअप के बाद शेहला ध्रुवनारायण को फाइनेंशियल ब्लैकमेल और मैं अफेयर के कारण उसे इमोशनली परेशान करने लगी। यही वजह थी कि उसने शहला को कब्र में और मुझे जेल पहुंचा दिया। मेरा गुनाह इतना है कि मेरा उसके साथ अफेयर था।

शेहला के पिता से मिलने का इरादा है?
-उनके घर जाकर मिलूंगी और माफी मांगूंगी, क्योंकि जब भी वह कोर्ट में मुझे से मिलते थे तो बोलते थे कि बेटा तूने कुछ नहीं किया है। वो मेरे सिर पर हाथ रखते थे, कहते थे तू छूट जाएगी जल्दी चिंता मत कर।

अपने पति व परिवार के पास जाएंगी?
हां, मैं अपने पति और बच्चों के साथ रहूंगी, पर इंडिया में नहीं। कहीं और बाहर शांति से।
आगे कानूनी लड़ाई में क्या रुख होगा?
मेरी जमानत तो हो ही गई है। अब कोई सुप्रीम कोर्ट जाने वाला भी नहीं। बची है तो बस सीबीआई। बाकी ध्रुवनारायण तो रास्ते से हट ही गया है। शेहला के पिता सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे तो मैं वहां भी लड़ूंगी।

सबा को लेकर आपका क्या रूख रहेगा?
मैं सबा के साथ हमेशा हूं और रहूंगी क्योंकि उसने मेरे कारण बिना किसी कसूर के जेल में पांच साल काटे हैं। मैं उसे दुबई में जॉब दिलाऊंगी। वहीं शादी करके दुबई में रहेगी, पर मैं उसका साथ कभी नहीं छोडूंगी।
ये रहा पूरा शेड्यूल...
- बुधवार शाम 6.56 बजे सेंट्रल जेल से रिहाई
- जमानत के अादेश शाम 5.05 बजे जेल पहुंचे।
- एक घंटा 51 मिनट की कागजी कार्रवाई के बाद रिहाई हुई।
- जाहिदा पांच साल चार महीने 15 दिन से जेल में बंद थी।
- 5 फरवरी को उसे जिला जेल इंदौर से सेंट्रल जेल शिफ्ट किया था।
मंगलवार को नहीं हो सकी थी रिहाई
- मंगलवार देर शाम जाहिदा के पिता, वकील मोहम्मद फिरोज के साथ बगैर जमानत आदेश के सेंट्रल जेल पहुंचे थे। वकील मोहम्मद फिरोज ने कहा जाहिदा की जमानत आदेश आए या नहीं यह पता करने आए हैं। शाम 4.30 बजे इंदौर हाईकोर्ट ने जाहिदा के जमानत आदेश दे दिए थे। यहां जाहिदा के पिता कार में बैठे रहे, जबकि वकील ने जेल प्रबंधन से जाहिदा के जमानत आदेश को लेकर चर्चा की। मीडिया ने जब जाहिदा के पिता से चर्चा करना चाही तो वकील ने कहा- वे 75 वर्ष के हैं। स्वास्थ्य खराब होने से आप लोग उनसे बात न ही करें तो बेहतर होगा।
यह था मामला
भोपाल में 16 अगस्त 2011 को आरटीअाई एक्टिविस्ट शहला मसूद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शहला का शव कोहेफिजा स्थित घर के बाहर कार में पड़ा मिला था। सीबीआई ने इस मामले में भोपाल की जाहिदा परवेज, सबा फारुकी के साथ भाड़े के शूटर शकिब डेंजर, ताबिश और इरफान को आरोपी बनाया था। 28 जनवरी 2017 को सीबीआई जज बीके पालोदा ने हत्याकांड में जाहिदा, सबा, शाकीब और ताबिश को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि इरफान को बरी कर दिया गया।