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सिर्फ भारत में ही नहीं होती भीड़, अलग-अलग देशों में भी दिखते हैं ऐसे नजारे


आमतौर पर भीड़भाड़ काे ज्यादा आबादी और जगह की कमी से जोड़कर देखा जाता है। काफी हद तक यह सही भी है। यही वजह है कि भारत जैसे देशों में भीड़ और ट्रैफिक जाम के नजारे आम हैं, क्योंकि लोग ज्यादा हैं और सड़कें संकरी। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम अन्य बातों पर भी निर्भर करते हैं। समय उनमें सबसे महत्वपूर्ण है...

-हो सकता है कि किसी शहर की सड़कें या रेल दिन में पूरे समय खाली रहती हों, परंतु इसके साथ यह भी मुमकिन है कि रश आवर्स में उनमें पैर रखने की जगह भी न हो।

-ऊपर की तस्वीर टोक्यो के रेलवे स्टेशन की है। आप देख सकते हैं कि कैसे सुरक्षाकर्मी यात्रियों को ट्रेन के डिब्बों में ठूंस रहे हैं। दरअसल, यह समय का मामला है, जब सभी को तयशुदा टाइम पर ऑफिस पहुंचना है। इसीलिए वे भीड़ की परवाह किए बिना उसी ट्रेन में जाना चाहते हैं।

-चीन में भी यही स्थिति होती है, जब छुट्टियों वाले दिन तमाम कारें सड़कों पर उतर आती हैं। इसके नतीजे में वहां मीलो लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है।

-रश आवर्स में दुनिया के तमाम देशों के रेलवे प्लेटफॉर्म एक ही जैसे लगते हैं, फिर चाहे वह मुंबई हो या लंदन या फिर ब्राजील का साओ पाॅलो।